Karm Kiye Bina Bhagya Bhi Kaam Nahin Karta

कर्म किये बिना भाग्य काम नहीं करता

Karm Kiye Bina Bhagya Bhi Kaam Nahin Karta: ताला तब खुलता है जब उसमे चाबी लगाई जाए, कार कितनी भी अच्छी हो जब तक चावी से स्टार्ट नही करेगे नही चलेगी, तो जीवन मे आगे बढ़ने के लिए कर्म जरूरी है, आप का भाग्य प्रबल तभी होगा जब आप कर्म करते जाएंगे।

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Dil Ka Rishta

दिल का रिश्ता

Dil Ka Rishta: मैं शिवानी आज आपके सामने अपनी जिंदगी की किताब से जुड़ा एक पन्ना खोल रही हूं जो बहुत खूबसूरती से ईश्वर द्वारा लिखा गया है। मैं अपने मां-पापा के चार बच्चों में सबसे बड़ी थी।

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Hansti hui beti

हंसती हुई बेटी

Hansti hui beti: मां….दोनों दीदीयों का आना कंफर्म हो गया मेरी दोनों दीदीयों से बात हो गई है वह इसबार रक्षाबंधन पर आ रही हैं ….मोहन खुशी से मां से बोला

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ghosla

घोंसला

Ghosla: बाबूजी,मैंने बालकनी में चारो तरफ चिक लगवाकर कमरा तैयार करा दिया है, आप उसी में शिफ्ट हो जाइयेगा।” सुबह-सुबह चाय पकड़ाती हुई रीता बोली तो दीन दयाल चौंक गये,,,”क्यों बहू,,,,क्या हो गया?”

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