Jeevansathi

जीवनसाथी

नैतिक कहानियाँ

Jeevansathi: रमा चाय बना दे….ओ रमा…

सुनती नहीं बहरी कही की कहते हुए 75 साल के रामेश्वर बाबू अपनी पत्नी 70 साल की पत्नी रमा को हिलाने लगे मगर ये कया रमा का शरीर बिल्कुल ठंडा था

मतलब…. नहीं..

कभी पानी की छींटे ओर शोर से पडोसियो का आना जाना शुरू हो गया…

रमा का उनसे हमेशा को बिछडना…

कुछ समय मे रिश्ते दार ,विदेश से बेटा भी आ गए ओर फिर अंतिम संस्कार….

देखते देखते 13 दिन बीत गए

बेटा अपने साथ पिता को ले जाने के लिए तैयारी करवा रहा था की रामेश्वर बाबू की नजर पत्नी रमा की फोटो पर गई..

कैसे अपने मां बाप की पसंद से शादी की वैसे रमा तो उन्हें कभी पसंद थी ही नही क्योंकि वह तो किसी फिल्मी हीरोइन जैसी लड़की से शादी करना चाहते थे मगर…

शादी के बाद से रमा के हर काम को गलत बताना, डांटना लेकिन रमा का फिर भी मुस्कान लिए चुपचाप रहना

एक दो बार तो उन्होंने हाथ भी उठाया था मगर रमा ने…. उन्होंने रमा को कभी कोई सुख नही दिया फिर भी हमेशा उसने उनका साथ दिया मगर मैंने…. रमा वापस आ जाओ प्लीज वापस आ जाओ मे तुम्हारे बिना अधूरा हूं कहकर जोरों से रोते रामेश्वर बाबू को किसी ने हिलाया…कया हुआ जी कया कोई सपना देखा आपने…

रामेश्वर बाबू ने देखा सामने उनकी पत्नी रमा चाय लिए खडी थी वह तुरंत उठे चाय मे अंगुली डाली ओर चिल्लाते हुए बोले-शुक्र हे भगवान का ओर उठकर रमा को गले लगा लिया ओर आँसू से रमा के कंधे गीले कर डाले बस बार बार यही कहते रहे …

मुझे माफ कर दो रमा…

आखिर कुछ समय बाद रमा ने पूछा तो रामेश्वर बाबू ने बताया की उन्होंने कया सपना देखा था ..

रामेश्वर बाबू की बातें सुनकर रमा की आंख भी भीग गई फिर दोनों कभी साथ साथ हंसते कभी साथ साथ रोते…

दोस्तों इस घटना के बाद से रामेश्वर बाबू ने अपनी ग़लती को सुधारते हुए अपनी पत्नी रमा को सम्पूर्ण सम्मान दिया क्योंकि देर सबेर वह समझ ही गए थे की जीवन की यात्रा में उनकी पत्नी ही उनकी असली जीवनसाथी है…!!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *